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राम नवमी -2023 मुहूर्त ,व्रत ,पूजन विधि एवं फल -raam navamee -2023 muhoort ,vrat ,poojan vidhi , phal

  राम नवमी -2023 मुहूर्त ,व्रत ,पूजन विधि एवं फल -raam navamee -2023 muhoort ,vrat ,poojan vidhi , phal रामनवमी का महत्व- यह पर्व भारत में श...

 
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राम नवमी -2023 मुहूर्त ,व्रत ,पूजन विधि एवं फल -raam navamee -2023 muhoort ,vrat ,poojan vidhi , phal

रामनवमी का महत्व-
यह पर्व भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है। हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था अत: इस शुभ तिथि को भक्त लोग रामनवमी के रूप में मनाते हैं एवं पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य के भागीदार होते है।
राम का अर्थ -
है स्वयं का प्रकाश; अपने भीतर प्रकाश। "रवि" शब्द "राम" शब्द का पर्याय है। रवि शब्द में, 'आर' का अर्थ है प्रकाश और "वी" का अर्थ है विशेष। इसका अर्थ है हमारे भीतर अनन्त प्रकाश। राम हमारे हृदय का प्रकाश हैं। इस प्रकार राम हमारी आत्मा का प्रकाश हैं।

रामनवमी के पीछे का ज्ञान:
राम नवमी को भगवान राम के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। खुशी और उल्लास के इस त्योहार को मनाने का उद्देश्य हमारे भीतर "ज्ञान के प्रकाश का उदय" है। भगवान राम का जन्म राजा दशरथ और रानी कौशल्या से हुआ था। राम नवमी का त्यौहार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। 
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम का जन्म इसी दिन हुआ था और वे जुगों से मर्यादा पुरुषोत्तम के प्रतीक के रूप में माने जाते हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने और धर्म की पुनः स्थापना के लिए दुनिया में श्री राम के रूप में अवतार लिया।
भगवान राम उनका अपना प्रकाश है, लक्ष्मण (भगवान राम के छोटे भाई) का अर्थ है सतर्कता, शत्रुघ्न का अर्थ है जिसका कोई दुश्मन नहीं है या जिसका कोई विरोधी नहीं है। भरत का अर्थ है योग्य। अयोध्या (जहाँ राम का जन्म हुआ है) का अर्थ है एक ऐसी जगह जिसे नष्ट नहीं किया जा सकता।

राम नवमी 2023 शुभ मुहूर्त (Ram Navmi Shubh Muhurat 2023)

नवमी तिथि आरंभ: 29 मार्च 2023, रात्रि  09:07 मिनट से 
नवमी तिथि समाप्त: 30 मार्च 2023, रात्रि 11:30 मिनट पर 

सुबह- 11:11 से 01: 40  तक
अभिजीत मुहूर्त: 11:57 से 12:46 तक
ब्रह्ममुहूर्त:  04:49 से 05:37 तक
अमृतकाल: शाम 08:18 से 10:05 तक


इस दिन का महत्व इतना है कि लोग नवमी के दिन नए घर, दुकान या प्रतिष्ठान में पूजा अर्चना करके प्रवेश करते हैं। इस दिन मां दुर्गा के 9 वें रूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
राम नवमी व्रत विधि:- 
 
राम नवमी व्रत महिलाओं के द्वारा किया जाता है। इस दिन व्रत करने वाली महिला को प्रात: सुबह उठना चाहिए और सुबह उठकर, पूरे घर की साफ- सफाई कर घर में गंगा जल छिड़क कर, शुद्ध कर लेना चाहिए। इसके पश्चात स्नान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। 
 
इसके बाद एक लकड़ी के चौकोर टुकड़े पर सातिया (स्वस्तिक) बनाकर एक जल से भरा गिलास रखती है और साथ ही अपनी अंगुली से चांदी का छल्ला निकाल कर रखती है। इसे प्रतीक रूप से गणेशजी माना जाता है। व्रत कथा सुनते समय हाथ में गेहूं-बाजरा आदि के दाने लेकर कहानी सुनने का भी महत्व कहा गया है।

व्रत वाले दिन मंदिर में अथवा मकान पर ध्वजा, पताका, तोरण और बंदनवार आदि से सजाने का विशेष विधि-विधान है। व्रत के दिन कलश स्थापना और राम जी के परिवार की पूजा करनी चाहिए। दिन भर भगवान श्री राम के भजन, स्मरण, स्तोत्र पाठ, दान, पुन्य, हवन, पितृश्राद्ध और उत्सव किया जाना चाहिए और रात्रि में भी गायन, वादन करना शुभ रहता है।  

राम नवमी व्रत के लाभ:- 
 
श्री राम नवमी का व्रत करने से व्यक्ति के ज्ञान में वृ्द्धि होती है। उसकी धैर्य शक्ति का विस्तार होता है। इसके अतिरिक्त उपवास को विचार शक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, भक्ति और पवित्रता की भी वृद्धि होती है। इस व्रत के विषय में कहा जाता है, कि जब इस व्रत को निष्काम भाव से किया जाता है और आजीवन किया जाता है, तो इस व्रत के फल सर्वाधिक प्राप्त होते है।

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