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क्यूँ चढ़ाते है बजरंगबली को सिंदूर ?kyoon-chadhaate-hai-bajarangabalee-ko-sindoor ?

क्यूँ चढ़ाते है बजरंगबली को सिंदूर ?kyoon-chadhaate-hai-bajarangabalee-ko-sindoor ? जीहाँ आप हम सब हर शनिवार मंगलवार को मंदिर में जाकर सिंदू...

बजरंगबली को सिंदूर ?

क्यूँ चढ़ाते है बजरंगबली को सिंदूर ?kyoon-chadhaate-hai-bajarangabalee-ko-sindoor ?

जीहाँ आप हम सब हर शनिवार मंगलवार को मंदिर में जाकर सिंदूर का लेपन करवाते है हनुमान जी को परंतु क्या आपको पता है क्यूँ चढ़ाते है सिंदूरी चोला बजरंगबली को आइए जानते है इसके पीछे की रोचक घटना 

 को भूख लगी. तो वे माता जानकी के पास कुछ कलेवा पाने के लिए पहुंचे। सीतामाता की मांग में लगा सिंदूर देखकर हनुमानजी ने उनसे आश्चर्यपूर्वक पूछा–“माता! मांग में आपने यह कौन-सा लाल द्रव्य लगाया है?


 इस पर सीतामाता ने प्रसन्नतापूर्वक कहा - " पुत्र ! यह सुहागिन स्त्रियों का प्रतीक, मंगलसूचक, सौभाग्यवर्धक सिंदूर है, जो स्वामी के दीर्घायु के लिए जीवनपर्यंत मांग में लगाया जाता है। इससे वे मुझ पर प्रसन्न रहते हैं।" 

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हनुमानुजी ने यह जानकर विचार किया कि जब अंगुली भर सिंदूर लगाने से स्वामी की आयु में वृद्धि होती है, तो फिर क्यों न सारे शरीर पर इसे लगाकर अपने स्वामी भगवान् श्रीराम को अजर-अमर कर दूं । उन्होंने जैसा सोचा, वैसा ही कर दिखाया। अपने सारे शरीर पर सिंदूर पोतकर भगवान् श्रीराम की सभा में पहुंच गए। उन्हें इस प्रकार सिंदूरी रंग में रंगा देखकर सभा में उपस्थित सभी लोग हंसे, यहां तक कि भगवान् राम भी उन्हें देखकर मुस्कराए और बहुत प्रसन्न हुए । उनके सरल भाव पर मुग्ध होकर उन्होंने यह घोषणा की कि जो मंगलवार के दिन मेरे अनन्य प्रिय हनुमान् को तेल और सिंदूर चढ़ाएंगे, उन्हें मेरी प्रसन्नता प्राप्त होगी और उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। इस पर माता जानकी के वचनों में हनुमान्जी को और भी अधिक दृढ़ विश्वास हो गया।

बजरंगबली को सिंदूर ?

कहा जाता है कि उसी समय से भगवान् श्रीराम के प्रति हनुमान्जी की अनुपम स्वामिभक्ति को याद करने के लिए उनके सारे शरीर पर चमेली के तेल में घोलकर सिंदूर लगाया जाता है। इसे चोला चढ़ाना भी कहते हैं।

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