नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय। नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय।। मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदी...
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग
रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न
काराय नम: शिवाय।।
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय
नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे
म काराय नम: शिवाय।।
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय
दक्षाध्वरनाशकाय।
श्री नीलकंठाय वृषध्वजाय तस्मै शि
काराय नम: शिवाय।।
वशिष्ठ कुम्भोद भव गौतमार्य मुनींद्र
देवार्चित शेखराय।
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व
काराय नम: शिवाय।।
यक्षस्वरुपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय
सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य
काराय नम: शिवाय।।
पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव
सन्निधौ।
शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते।।
॥ इति श्रीमच्छंकराचार्यविरचितं
श्रीशिवपंचाक्षरस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
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