Page Nav

HIDE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

khojosale.com

Breaking News:

latest

मकर संक्रांति 2023: कब से शुरू होगी संक्रांति जाने शुभ मुहूर्त ,करें चीजों का दान-makar sankraanti 2023: kab se shuroo hogee sankraanti jaane shubh muhoort, cheejon ka daan karen

मकर संक्रांति 2023: कब से शुरू होगी संक्रांति जाने शुभ मुहूर्त ,करें चीजों का दान-makar sankraanti 2023: kab se shuroo hogee sankraanti jaan...

makar


मकर संक्रांति 2023: कब से शुरू होगी संक्रांति जाने शुभ मुहूर्त ,करें चीजों का दान-makar sankraanti 2023: kab se shuroo hogee sankraanti jaane shubh muhoort, cheejon ka daan karen

हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य देव 14 जनवरी शनिवार की रात को 8 बजकर 14 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. इसलिए मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा.

 भारत के अलग-अलग राज्यों में मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से जाना जाता है। इस त्योहार को पूर्वी उत्तर में खिचड़ी, गुजरात में उत्तरायण और दक्षिण भारत में पोंगल कहा जाता है। संक्रांति तिथि को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति में गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं।

गंगा स्नान के लिए सबसे पवित्र स्थान, मकर संक्रांति के मौके पर

 इस धार्मिक आस्था को लेकर कथा भी प्रचलित है। इसी मान्यता को आधार बनाकर लोग मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी या गंगा महासागर में स्नान करके दान पुण्य करते हैं। इस दिन सभी गंगा घाटों पर भीड़ रहती है। अगर आप भी मकर संक्रांति के दिन स्नान करना चाहते हैं तो इन खास जगहों पर गंगा स्नान का पुण्य दोगुना मिल सकता है। आइए जानते हैं गंगा स्नान के लिए सबसे पवित्र स्थान के बारे में।

मकर संक्रान्ति (मकर संक्रांति) भारत का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रांति (संक्रान्ति) पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। 

तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहते हैं।14 जनवरी के बाद से सूर्य उत्तर दिशा की ओर अग्रसर(जाता हुआ) होता है। इसी लिऐ ,उतरायण, (सूर्य उत्तर की ओर) भी कहते है। ऐसा इस लिए होता है, की पृथ्वी का झुकाव हर 6,6माह तक निरंतर उतर ओर 6माह दक्षिण कीओर बदलता रहता है। ओर यह प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसी दिन होता है।

पढ़े- मकर संक्रांति कब की है 14 या 15?

मकर संक्रांति को क्या करना चाहिए?

2023 की संक्रांति कब है?

क्या हम संक्रांति पर नॉन वेज खा सकते हैं?

मकर संक्रांति पर हम काला क्यों पहनते हैं?

मकर संक्रान्ति का महत्व

 इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है। ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कम्बल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है।


कोई टिप्पणी नहीं